Subhash Chandra Bose Jayanti
सुभाष चंद्र बोस, जिन्हें नेताजी कहा जाता है, एक प्रमुख भारतीय राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यहां सुभाष चंद्र बोस के जीवन के कुछ प्रमुख पहलुओं को जानकर लेते हैं:
1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
- सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, ओडिशा, भारत में हुआ था।
- उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से अपनी शिक्षा पूरी की और फिर इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई की।
2. राजनीतिक करियर:
- बोस स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी के विचारों से गहरे प्रभावित थे। शुरूवात में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसके नेताओं के साथ विचारधारा में असहमति व्यक्त की।
- 1938 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुना गया, लेकिन महात्मा गांधी और अन्य नेताओं के साथ विचारधारा में असहमति के कारण उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया।
- कांग्रेस की गैर-हिंसक दृष्टिकोण के कारण निराश होकर, बोस ने 1939 में फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की, जिसमें स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए एक अधिक उत्साही और संघर्षी दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया गया।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कोशिश की। उन्होंने भारत में गिरफ्तारी से बचकर जर्मनी और फिर जापान गए और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए सहायता मांगी।
5. भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA):
- जापान में, बोस ने आपसी शक्तियों की मदद से भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। INA का उद्देश्य ब्रिटिश शासन से भारत को मुक्त करना था।
- बोस का लोकप्रिय नारा "जय हिंद" था, जिसका अर्थ था "भारत को जीतो"।
- सुभाष चंद्र बोस की मौत के चारों ओर के परिस्थितियाँ विवादास्पद हैं। आधिकारिक संस्करण के अनुसार, उनकी मौत 18 अगस्त 1945 को ताइपे, ताइवान, में हुई एक विमान दुर्घटना में हुई थी।
- सुभाष चंद्र बोस को एक राष्ट्रीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उनके योगदान के लिए भारत में सम्मानित किया जाता है। उनकी विचारधारा और एक स्वतंत्र भारत के लिए उनकी संकल्पशीलता ने अद्वितीय प्रभाव छोड़ा है।
सुभाष चंद्र बोस की जयंती, जिसे नेताजी जयंती कहा जाता है, भारत में हर वर्ष 23 जनवरी को मनाई जाती है ताकि उनके योगदान को याद किया जा सके और उनका आदर जताया जा सके।
0 Comments